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Showing posts from June, 2020

जगन्नाथ रथ यात्रा 2020

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Jagannath Rath yatra पूर्व भारतीय उड़ीसा राज्य का पुरी क्षेत्र जिसे पुरुषोत्तम पुरी, शंख क्षेत्र, श्रीक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है, भगवान श्री जगन्नाथ जी की मुख्य लीला-भूमि है। उत्कल प्रदेश के प्रधान देवता श्री जगन्नाथ जी ही माने जाते हैं। यहाँ के वैष्णव धर्म की मान्यता है कि राधा और श्रीकृष्ण की युगल मूर्ति के प्रतीक स्वयं श्री जगन्नाथ जी हैं। इसी प्रतीक के रूप श्री जगन्नाथ से सम्पूर्ण जगत का उद्भव हुआ है। श्री जगन्नाथ जी पूर्ण परात्पर भगवान है और श्रीकृष्ण उनकी कला का एक रूप है। ऐसी मान्यता श्री चैतन्य महाप्रभु के शिष्य पंच सखाओं की है। पूर्ण परात्पर भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथपुरी में आरम्भ होती है। यह रथयात्रा पुरी का प्रधान पर्व भी है। इसमें भाग लेने के लिए, इसके दर्शन लाभ के लिए हज़ारों, लाखों की संख्या में बाल, वृद्ध, युवा, नारी देश के सुदूर प्रांतों से आते हैं।  वर्तमान समय में जगन्नाथ रथ यात्रा बहुत जोरों शोरों से निकाली जाती है जिसमें कई लोग शामिल भी होते है लेकिन इस बार जगन्नाथ रथ यात्रा में कोरोना महामारी...

जन्माष्टमी

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हिंदू धर्म में लोगों के कई देवी-देवता ईष्ट है।  श्री कृष्ण कई लोगो के ह्रदय में  भगवान के रूप में निवास करते हैं। लोगों की मान्यता है कि श्री कृष्णा विष्णु जी के अवतार है जो कि अत्याचारी कंस के परिवार में जन्म लिए हैं । माना जाता है कि श्री कृष्ण सभी पापों को तथा कष्टों को हरने वाले होते हैं।  लेकिन श्री कृष्णा पूर्ण परमात्मा नहीं है गीता अध्याय 18 श्लोक संख्या 62 में श्री विष्णु जी कह रहे हैं कि हे अर्जुन मुझसे  भी बड़ी कोई और शक्ति है। जिसकी भक्ति करने से तु मोक्ष को प्राप्त कर सकेगा। इससे स्पष्ट है कि कृष्णा पूर्ण परमात्मा नहीं है तथा कष्टों का निवारण नहीं कर सकते हैै।   तो पूर्ण परमात्मा कौन है जानने के लिए अवश्य देखिए साधना टीवी रात 7:30 से 8:30 जिसमें संत रामपाल जी महाराज सभी पवित्र धर्मों के पवित्र शास्त्रों के आधार पर प्रमाणित ज्ञान बताते हैं तथा लोगों को सद्भक्ति  की राह दिखाते हैं वर्तमान समय में केवल संत रामपाल जी महाराज जी एक ऐसे संत हैं जो वेदों के आधार पर प्रमाणित ज्ञान बताते हैं तथा लोगों को अध्यात्मिक ज्ञान की जानकारी...

janmashtami 2020 :krishna

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janmashtami 2020 

बाईबिल

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इस पृथ्वी पर कई प्रकार की जातियां वह धर्म  है और सभी धर्मों के कई पवित्र पुस्तकें भी है जिनमें उस धर्म के आध्यात्मिक ज्ञान  की जानकारी होती है तथा परमात्मा के बारे में जानकारी मिलती है ।इस पृथ्वी पर कई प्रकार के धर्म है जिसमें हिंदू ,ईसाई ,मुस्लिम , बौद्ध आदि कई प्रकार के धर्म  है । जिसमें एक मुस्लिम  धर्म है जिसकी धार्मिक पुस्तक बाइबल है उसमे  बताया गया है कि अल्लाह कौन है?   लेकिन मुस्लिम धर्म के लोग यह नहीं जानते कि अल्लाह कौन है वे केवल देखा देखी  के पीछे पड़े हैं। आडंबर तथा अंधश्रद्धा में फंसे हैं बाइबिल में प्रमाण है कि अल्लाह कबीर है लेकिन यह जानकारी मुस्लिम धर्म के लोगों को तब पता होगी जब वे बाइबल को खोल कर पढ़ेंगे जी हां यह बिल्कुल सत्य है कि अल्लाह कबीर हैं क्योंकि यह पवित्र बाइबल प्रमाणित करती है तथा संत रामपाल जी महाराज ने बाइबल को खोल कर दिखाया है कि अल्लाह कबीर है।   वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज को छोड़कर अन्य ऐसा कोई भी संत नहीं है जो कि अपने शास्त्रो तथा वेदो  को खोल कर प्रमाणित करें...

हमें भक्ति किस प्रकार से तथा किसकी करनी चाहिए?

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देवी देवताओं की इतनी भक्ति करते हैं फिर भी दुखी क्यों है? हर व्यक्ति किसी न किसी देवी देवता की भक्ति जरूर करता है और उनको अपने तन मन धन से अपनी पूरी लगन से उनकी भक्ति करते हैं। फिर भी उनके जीवन में कई प्रकार के कष्ट होते हैं ,उनको कई कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। इतने भक्ति करने के बाद भी कोई लाभ प्राप्त ना हो तो वह भक्ति किसी काम की नही होती है।भक्ति तो वह होती है जिसको करने से व्यक्ति के सारे कष्ट तथा कठिनाइयां दूर हो जाती है ।वर्तमान में लोग कई प्रकार की अंधश्रद्धा में फंसे हुए हैं उनके चलते कई आडंबर करते हैं, जोकि शास्त्र विरुद्ध साधना है अर्थात गीता में भी बताया गया है कि " जो शास्त्र विरुद्ध मनमाना आचरण करता है उसकी ना तो कोई गति होती है और ना ही उसको मोक्ष प्राप्त होता है" सत भक्ति हमें किस प्रकार से मिल सकती है? हमें सत साधना कौन बता सकता है? लोगों के मन में इस तरह के कई प्रकार के प्रश्न उठते हैं। लेकिन कभी हमने हमारे सद्ग्रंथों को खोलकर कभी भी किसी भी संत या गुरु के वचनों से मिला कर नहीं देखा कि यह सत्य बता रहे हैं या मनमानी भक्ति बता रहे हैं । ...

कबीर परमेश्वर जी ने शास्त्रानुकूल भक्ति तथा शास्त्रविरूद्ध भक्ति का भेद बताया।शास्त्र अनुकूल साधना करने से सुख व मोक्ष संभव है तथा शास्त्रविरूद्ध साधना करने से जीवन हानि तथा नरक व चौरासी का कष्ट सदैव बना‌ रहेगा।(गीता अ.16, श्लोक 23-24)

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#कबीरपरमेश्वर_का_अद्भुतज्ञान कबीर परमात्मा ने संसार रूपी वृक्ष की सही-सही यथार्थ जानकारी बताई। (गीता अ15, श्लोक1-4) "अक्षर पुरुष एक पेड़ है, निरंजन वाकी डार, तीनों देवा शाखा है, ये पात रूप संसार।" #5Jun_MegaSatsang_SadhnaTv9AM

thirteen cart papersOnce the King of Delhi put a condition that if Kabir ji will write thirteen cart-papers in two and a half days, then I will accept. Taking Swami Ramanand ji into refugeAt the age of 5 years, God Kabir in a divine spectacle manner took 104-years-old Swami Ramanand Ji Maharaj in his refuge.

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