कबीर परमेश्वर जी ने शास्त्रानुकूल भक्ति तथा शास्त्रविरूद्ध भक्ति का भेद बताया।शास्त्र अनुकूल साधना करने से सुख व मोक्ष संभव है तथा शास्त्रविरूद्ध साधना करने से जीवन हानि तथा नरक व चौरासी का कष्ट सदैव बना रहेगा।(गीता अ.16, श्लोक 23-24)
#कबीरपरमेश्वर_का_अद्भुतज्ञान
कबीर परमात्मा ने संसार रूपी वृक्ष की सही-सही यथार्थ जानकारी बताई। (गीता अ15, श्लोक1-4)
"अक्षर पुरुष एक पेड़ है, निरंजन वाकी डार,
तीनों देवा शाखा है, ये पात रूप संसार।"
#5Jun_MegaSatsang_SadhnaTv9AM
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