प्राकृतिक आपदा प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने के कारण होती है प्राकृतिक आपदाएं मानवो को बहुत नुकसान पहुंचाती है तथा सामाजिकता तथा घरों को भारी हानि पहुंचाती है ।प्राकृतिक आपदा हम मनुष्य के कारण होती है क्योंकि प्रकृति का कई तरीकों से मनुष्य ने दोहन किया जिसे प्रकृति का संतुलन बिगड़ा और प्राकृतिक आपदाएं आनी शुरू हो गई। प्राकृतिक आपदा मनुष्य के लिए बहुत ही हानिकारक व दर्दनाक है ।प्राकृतिक आपदाओं से मनुष्य के घरों तथा कई तरीकों के नुकसान होते हैं ,कई मनुष्य बेघर हो जाते हैं ।जो लोग प्राकृतिक संसाधनों का अति दोहन तथा उन को हानि पहुंचाते हैं वह व्यक्ति बहुत ही गलत होते हैं तथा वह गलत कर रहे होते हैं ।सही तरीके से प्राकृतिक संतुलन बनाए रखना तथा प्रकृति के प्रति मानसिकता को बदलने के लिए कई तरीकों का प्रयोग किया जा सकता है। हम आध्यात्मिक ज्ञान सुनकर भी प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाने से पीछे हट सकते हैं ।अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखें संत रामपाल जी महाराज का सत्संग 7:30 से 8:30 साधना टीवी पर Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps May 20, 2020 Read more
पर्यावरण जिसके बीच हम रह रहे हैं जिससे हम जीवित हैं ।एक ऐसी संरचना ऐसी संकल्पना जिसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं है हम मनुष्य ऐसे हैं जो पर्यावरण को बना भी सकते हैं तथा उसे बिगाड़ भी सकते हैं। पर्यावरण से हमें कई प्रकार के संसाधन प्राप्त होते हैं जो कि हमारे लिए अति आवश्यक होते हैं। कई मनुष्य द्वारा इस पर्यावरण को दूषित प्रदूषित भी किया जा रहा है जिससे हम मनुष्य को ही भविष्य में तकलीफें उठानी पड़ेगी जिस से आने वाली पीढ़ियां परेशानियों से ग्रस्त रहेगी तथा बीमार रहेगी ।कई लोग धुम्रपान करके इस पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। धूम्रपान जिससे करने वाले को भी बीमारियां होती है तथा जो भी व्यक्ति उसकी धुआँ के संपर्क में आता है वह व्यक्ति भी बीमारियों के शिकार हो जाता है। धुम्रपान की धुआँ बहुत ही जहरीली होती है जो कि पर्यावरण के कई कारकों को नष्ट करती है। हम इस पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं सभी जो भी व्यक्ति धूम्रपान करता है उन व्यक्तियों को इस धूम्रपान को छोड़ने की सलाह देकर पर्यावरण के जो कारक नष्ट हो रहे हैं उन को नष्ट होने से बचा सकते हैं पर्यावरण को पहले जैसा वापस बना सकते हैं हम पर्यावरण को लोगों को सलाह देकर स्वच्छ बना सकते हैं। पर्यावरण ही एक ऐसा घटक है जिससे हम मनुष्य जीवित रह सकते हैं तथा इस पृथ्वी पर रह सकते हैं अर्थात पर्यावरण के बिना हमारा जीवन संभव नहीं है कई लोगों का धूम्रपान छुड़वाने में कई लोग सहायता कर रहे हैं जो व्यक्ति धूम्रपान को छोड़ना चाहते हैं वे उसे त्यागना चाहते हैं लेकिन वह उसे छोड़ नहीं पा रहे हैं।अगर ऐसा कई लोगों के साथ हो रहा है तो अवश्य सुनिए जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सत्संग साधना टीवी पर शाम 7:30 से 8:30 बजे तक Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps May 14, 2020 Read more
किस प्रकार इस पृथ्वी की सृष्टि रचना हुई? इस पृथ्वी को किसने बनाया ? वर्तमान में मानव विज्ञान के क्षेत्र में कई तरीके से तरक्की कर चुका है तथा विज्ञान के व्यक्ति अर्थात वैज्ञानिक जो कि परमात्मा में बिल्कुल भी विश्वास नहीं रखते ।वे मानते हैं कि यह सृष्टि हम मानव द्वारा ही बनाई गई है। वे परमात्मा में विश्वास नहीं रखते अर्थात वह नास्तिक हो चुके हैं लेकिन कभी उन्होंने सोचा कि इस पृथ्वी को किसने बनाया ।जो कि लाखों साल पहले बहुत ही गर्म हुआ करती थी उसका तापमान धीरे-धीरे कम कैसे हुआ ?उस पर मनुष्य का जीवन संभव कैसे हुआ? इतने कार्य केवल परमात्मा के विधान अनुसार ही हो सकता है ।ऐसा कार्य केवल परमात्मा ही कर सकते हैं ।परमात्मा के बिना कुछ भी नहीं है ।हम मनुष्य को भी परमात्मा ने ही अपने स्वरूप बनाया है ।कुछ लोग परमात्मा मानते हैं ,लेकिन उनको भक्ति साधना करने का तरीका नहीं पता है कई प्रकार की गलत साधनों में इधर-उधर भटकते रहते हैं जिससे उनको कोई लाभ प्राप्त नहीं होता ।वे सोचते हैं कि हम परमात्मा की इतनी भक्ति करते हैं फिर भी हमें लाभ क्यों नहीं होता हम फिर भी दुखी क्यों होते हैं इनका कारण केवल उनके गलत भक्ति साधना है भक्ति करने योग्य केवल कबीर साहेब है देवी देवता भक्ति करने योग्य नहीं है उनका भी जन्म व मृत्यु होता है। सही भक्ति साधना के बारे में जानने के लिए कृपया अवश्य देखिए साधना टीवी रात 7:30 से 8:30। Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps May 13, 2020 Read more
मांस खाना बहुत ही गलत है यह एक हिंसा का रूप है जो कि व्यक्ति को गलत राह पर लेकर जाता है लोग मांस जीवो की हत्या करके खाते हैं तथा जीव हत्या करना परमात्मा का आदेश नहीं है जीव हत्या एक महापाप है ।वेदों व शास्त्रों में कहीं भी नहीं लिखा है कि व्यक्ति को जीव की हत्या करके मांस खाना चाहिए अर्थात व्यक्ति को मास नहीं खाना चाहिए यह बिल्कुल गलत है जो मांस खाता है उसको कोई गति प्राप्त नहीं होती है। उसको मोक्ष प्राप्त नहीं होता है उसे 8400000 योनियों भोगनी पड़ती है। Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps May 08, 2020 Read more
नशा मनुष्य के लिए घातक हैनशा मनुष्य को अपने अपने से दूर करता है वह नहीं जान पाता कि वह क्या कर रहा है नशा करना परमात्मा का आदेश नहीं है मनमाना आचरण है शास्त्रो में कहा गया है कि जो मनुष्य शास्त्र विधि त्याग कर मनमाना आचरण करता है उसे कोई गति प्राप्त नहीं होती है परमात्मा के विधान अनुसार जो व्यक्ति शराब पीता है उसे 70 जन्म तक कुत्ते की योनि भोगनी पड़ती है नशा करने से व्यक्ति कई रोगों से युक्त होता है जिससे वह हर समय दुखी व चिंतित रहता है नशा मनुष्य के लिए बहुत ही खतरनाक है मनुष्य को नशा नहीं करना चाहिए। उसके साथ न तो समाज में अच्छा व्यवहार होता है और ना ही अपने घर में व्यवहार अच्छा होता है उसका घर नर्क के समान बनकर रह जाता है Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps May 07, 2020 Read more
सत् भक्ति मनुष्य जन्म में बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि सत भक्ति ही मनुष्य को मोक्ष प्राप्त करवाती है। सत् भक्ति वह होती है जो शास्त्रों के अनुसार होती है उसी से ही मनुष्य का मोक्ष हो सकता है । शास्त्र विधि त्याग कर जो भक्ति करते है उसको कोई गति प्राप्त नहीं होती है। Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps May 05, 2020 Read more