नशा मनुष्य के लिए घातक हैनशा मनुष्य को अपने अपने से दूर करता है वह नहीं जान पाता कि वह क्या कर रहा है नशा करना परमात्मा का आदेश नहीं है मनमाना आचरण है शास्त्रो में कहा गया है कि जो मनुष्य शास्त्र विधि त्याग कर मनमाना आचरण करता है उसे कोई गति प्राप्त नहीं होती है परमात्मा के विधान अनुसार जो व्यक्ति शराब पीता है उसे 70 जन्म तक कुत्ते की योनि भोगनी पड़ती है नशा करने से व्यक्ति कई रोगों से युक्त होता है जिससे वह हर समय दुखी व चिंतित रहता है नशा मनुष्य के लिए बहुत ही खतरनाक है मनुष्य को नशा नहीं करना चाहिए। उसके साथ न तो समाज में अच्छा व्यवहार होता है और ना ही अपने घर में व्यवहार अच्छा होता है उसका घर नर्क के समान बनकर रह जाता है

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बाईबिल

किस प्रकार इस पृथ्वी की सृष्टि रचना हुई? इस पृथ्वी को किसने बनाया ? वर्तमान में मानव विज्ञान के क्षेत्र में कई तरीके से तरक्की कर चुका है तथा विज्ञान के व्यक्ति अर्थात वैज्ञानिक जो कि परमात्मा में बिल्कुल भी विश्वास नहीं रखते ।वे मानते हैं कि यह सृष्टि हम मानव द्वारा ही बनाई गई है। वे परमात्मा में विश्वास नहीं रखते अर्थात वह नास्तिक हो चुके हैं लेकिन कभी उन्होंने सोचा कि इस पृथ्वी को किसने बनाया ।जो कि लाखों साल पहले बहुत ही गर्म हुआ करती थी उसका तापमान धीरे-धीरे कम कैसे हुआ ?उस पर मनुष्य का जीवन संभव कैसे हुआ? इतने कार्य केवल परमात्मा के विधान अनुसार ही हो सकता है ।ऐसा कार्य केवल परमात्मा ही कर सकते हैं ।परमात्मा के बिना कुछ भी नहीं है ।हम मनुष्य को भी परमात्मा ने ही अपने स्वरूप बनाया है ।कुछ लोग परमात्मा मानते हैं ,लेकिन उनको भक्ति साधना करने का तरीका नहीं पता है कई प्रकार की गलत साधनों में इधर-उधर भटकते रहते हैं जिससे उनको कोई लाभ प्राप्त नहीं होता ।वे सोचते हैं कि हम परमात्मा की इतनी भक्ति करते हैं फिर भी हमें लाभ क्यों नहीं होता हम फिर भी दुखी क्यों होते हैं इनका कारण केवल उनके गलत भक्ति साधना है भक्ति करने योग्य केवल कबीर साहेब है देवी देवता भक्ति करने योग्य नहीं है उनका भी जन्म व मृत्यु होता है। सही भक्ति साधना के बारे में जानने के लिए कृपया अवश्य देखिए साधना टीवी रात 7:30 से 8:30।

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